जैसा कि आप लोगों को विदित होगा की हरियाणा राज्य के फतेहाबाद जिले में बडोपल गाँव में आज से 4 साल पूर्व परमाणु ऊर्जा बिजली उत्पादन हेतु 7 सौ- 7 सौ की चार इकाईयों के लिए ‘‘गोरखपुर अनु पावर परियोजना’’ की मंजूरी हुई थी।
लेकिन क्षेत्रीय जनता की उचित मुआवजा राशि व परमाणु विरोधी संघठनों के चलते यह परियोजना मृत प्रायः हो चुकी थी। भारत की परमाणु सहेली ने राज्य के समग्र विकास हेतु आवश्यक बिजली के उत्पादन व सुरक्षा नियमो को मद्देनजर रखते हुए अपने अथक परिश्रम से न केवल क्षेत्रीय जनता की मुआवजा राशि को दिलवाने में सफलता हासिल की, अपितु 6 सितम्बर 2012 को बिना किसी अवरोध के इस परियोजना के स्थापना का श्री गणेश भी करवाया।
वर्तमान में और भविष्य में भी इस परियोजना के स्थापना एवं क्रियान्वयन में अज्ञानता वश किसी भी प्रकार के अवरोध उत्पन्न न हो इसके लिए भारत की परमाणु सहेली हरियाणा राज्य की जनता को परमाणु ऊर्जा उत्सवों एवं महा-महोत्सवों के जरिए इस परियोजना के प्रति जागरूकता का माहौल कायम करने का सिलसिला जारी रखेंगी। सिरसा में अप्रेल के माह में यहाँ के शिक्षण संस्थानों में सेमीनार करेंगी तथा मई माह के प्रथम सप्ताह में एक परमाणु ऊर्जा महा-महोत्सव का आयोजन करेंगी।
डॉ. नीलम गोयल ने बताया है कि इस परियोजना के प्रचालन से हरियाणा राज्य को 2800 मेगावाट की सतत रूप से बिजली मिल सकेगी जिससे इस राज्य कि सालाना आय में 15,400 अरब रूपये से लेकर 1,54,00 रूपये की बढ़ोतरी हो सकेगी। परमाणु सहेली ने बताया कि आज एक व्यक्ति से लेकर, एक गाँव, एक शहर, एक राज्य एवं देश की यदि प्राथमिक जरूरत है तो वह बिजली का सतत् उत्पादन ही है। परमाणु सहेली ने बताया कि जितना ज्यादा बिजली का उत्पादन उतनी ही ज्यादा प्रति-व्यक्ति आय। भारत की परमाणु सहेली विश्व की पहली इंसान हैं जिन्होंने इस विषय पर शौद्ध कार्य पूर्ण किया है और इसके लिए भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग ने इन्हें भारत की परमाणु सहेली का खिताब दिया है।
भारत की परमाणु सहली ने विषय संबंधी अपनी सारी रणनीति को सिरसा जिले के उपायुक्त डॉ. जे. गणेशन व शिक्षा अधिकारी के सम्मुख रखा। सिरसा उपायुक्त महोदय ने व जिला शिक्षा अधिकारी ने भारत की परमाणु सहेली के इन प्रयासों की प्रशंसा की।
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